प्राणि-सेवा ही परमात्मा की सेवा है ईश्वर निराकार है; उसकी सेवा नहीं की जा सकती । किन्तु वह संसार के प्राणियों में अधिक व्यक्त है । अत: जो प्राणि-सेवारत है वह वास्तव में परमात्मा की सेवा ही करता है ।

No comments:

Post a Comment

Thanks and Warm welcome in
THE BEST PAID TO CLICK SITES/AGMKGB88